ग्लोबल वार्मिंग व प्रदूषण से विश्व को 500 दिनों में मुक्ति : प्रो. राठी
नई दिल्ली : वैज्ञानिकों की संस्था यूनिवर्स रिफॉर्म्स आर्गनाइजेशन के चेयरमैन एवं तीस सालों से विज्ञान में अनुसंधानरत विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर डॉ श्याम सुंदर राठी ने अपने रिसर्च व अनुभव दावा किया है कि उनके अनुसंधान व अनुभव को अगर भारत सरकार प्रोत्साहन दे तो ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण जैसी समस्या से विश्व को 500 दिनों में मिल सकती है मुक्ति मिल सकती है जबकि बाढ़, सूखा, जल समस्या से मात्र एक हज़ार दिनों में छुटकारा पाया जा सकता है। इस बारे में वैज्ञानिक डॉ. राठी ने बताया कि मानव जाति की अज्ञानता वह अन्धविश्व के कारण प्रकृति की यह व्यवस्था खंडित हो गई है। राठी जी के उद्भावन 500 दिनों यानी लगभग डेढ़ साल में उस व्यवस्था को ठीक कर श्वास लेने के लिए प्रदूषण मुक्त शुद्ध ताजी हवा वह नैसर्गिक परिवेष, एक हजार दिनों में शुद्धतम पीने का पानी, एक हज़ार पांच सौ दिनों में भरपेट पौष्टिक आहार हर मनुष्य को प्रदान करने जा रहे हैं। वैज्ञानिक डॉ. राठी का कहना है कि मानव जाति की अज्ञानता वह अन्धविश्व के कारण प्रकृति की यह व्यवस्था खंडित हो गई है। डॉ.राठी के अनुसार 500 दिनों यानी लगभग डेढ़ साल में उस व्यवस्था को ठीक कर श्वास लेने के लिए प्रदूषण मुक्त शुद्ध ताजी हवा वह नैसर्गिक परिवेष, एक हजार दिनों में शुद्धतम पीने का पानी, एक हज़ार पांच सौ दिनों में भरपेट पौष्टिक आहार हर मनुष्य को प्रदान करने जा रहे हैं। डॉ. राठी ने दावा किया है कि उनके अनुसंधान व महाविज्ञान से पृथ्वी नामक इस सुन्दर ग्रह से वैश्विक तापमान (ग्लोबल वार्मिंग), प्रदुषण रूपी दैत्य, पानीय जल समस्या, खाद्य समस्या, प्राकृतिक आपदा बाढ़ वह सूखा आदि समस्याओं का चिर अंत हो जायेगा और नदियों में फिर से कल-कल नाद करता हुआ, निर्मल जल प्रवाह होने लगेगा। उन्होंने कहा की भारत सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करे तो विश्व के जाने माने वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर डॉ. वीरेंद्र गोस्वामी, भारत की आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के प्रणयेता प्रोफेसर आर कुमार, भारत के प्रतिष्ठित हिंदी समाचार पत्र दैनिक भास्कर के राजनीतिक संपादक के.पी मलिक, विशिष्ठ ज्ञानी गुणी सन्यासी स्वामी राघवानंद गिरी, अंतराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञ बॉम्बे हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीश कोसले पाटिल बीजी (सेवानिवृत), राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भारत के जाने माने आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर प्रेम सिब्बल व ई.सरोज कुमार साहू समेत अनेक वैज्ञानिकों,यूनिवर्स रिफॉर्म्स आर्गनाइजेशन के सह संस्थापकों की टीम अपना योगदान देने के लिए तैयार है।