कोरोना योद्धा बने देवदूतों पर हमले बर्दाश्त नहीं, शूट एट साइट का आदेश दे सरकार : कृष्ण झा

नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय): एक तरफ कोरोना दिनोंदिन विकराल रूप धारण करता जा रहा है जबकि दूसरी तरफ लॉकडाउन को विफल करने की नित नई साजिशें रची जा रही हैं। अफवाह फैलाकर हजारों की भीड़ इकट्ठा कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाना या फिर मेडिकल टीम पर पथराव कर कोरोना संक्रमितों को बचाया छिपाया जाना। दोनों ही परिस्थितियां देश के नागरिकों के जीवन को खतरे में डालने वाली है। उक्त विचार व्यक्त किया देश के जाने माने पॉलिसी मेकर एवं अखिल भारतीय प्रधान संगठन की एंटी कोरोना टास्क फ़ोर्स के राष्ट्रीय संयोजक कृष्ण झा दिल्ली में प्रकट किये । उन्होंने मुंबई,दिल्ली में जुटी भीड़ के कारण चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह राजनीतिवश हो रहा है जो इस संकट के समय नहीं होना चाहिए।  गौरतलब है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अखिल भारतीय प्रधान संगठन की एक ऑटोनॉमस बॉडी एंटी कोरोना टॉस्क फोर्स का गठन कर पूरे देश में सोलह हजार से भी अधिक कोरोना वॉरियर्स तैयार करने वाले समाजसेवी कृष्ण झा ने कहा कि देवदूत बनकर लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह न करने वाले डॉक्टरों, नर्सों व पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले लोगों  पर काबू करने के लिए सरकारों को हमला करने वालों के विरुद्ध शूट एट साइट का आर्डर देना चाहिए।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से मिलकर सामाजिक दूरी बनाते हुए ही लड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को होने वाली परेशानियों को कम करने में स्वयंसेवक दिन रात सेवा में जुटे हुए हैं। देशभर के विभिन्न जिलों और कस्बों में लोगों को भोजन से लेकर राशन तक और मेडिकल सुविधा से लेकर मास्क व सैनिटाइजर तक सब कुछ उनके घरों तक मुफ्त पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। एसटीएफ ने डॉक्टरों का एक ऐसा पैनल बनाया है जो फोन पर, फेसबुक पर, ट्वीटर पर, व्हाट्सएप्प पर या सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर वीडियो कॉलिंग के जरिए बीमार लोगों की सहायता कर रहा है। कृष्ण झा ने देश के लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना की लड़ाई को कमजोर न होने दें। अपने घरों में रहें, सुरक्षित रहें। यह अज्ञात शत्रु कब किस पर हमला कर दे कहा नहीं जा सकता, इसलिए अनावश्यक बाहर न निकलें। सरकार के साथ ही उन जैसे लाखों लोग जनता को होने वाली हर परेशानी को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। यह लड़ाई किसी अकेले के नहीं बल्कि पूरे देश की है और इसे मिलकर ही जीता जा सकता है। (INS)

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